चित्तौड़गढ़, 25 जून।
कुंदन लीला रिसोर्ट में बुधवार को संविधान हत्या दिवस का जिला स्तरीय समारोह प्रदेश के गृह, गोपालन, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य राज्य मंत्री श्री जवाहर सिंह बेढ़म की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। इस अवसर पर आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर इमरजेंसी के दौरान जेल जाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले 19 लोकतंत्र सेनानियों को शॉल, ऊपरना और माल्यार्पण कर सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया।

समारोह के दौरान गृह राज्य मंत्री ने कहा कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाया गया था, जिसे संविधान विरोधी और असंवैधानिक कदम बताते हुए उन्होंने युवा पीढ़ी को इस ऐतिहासिक घटना से सीख लेने की अपील की। मंत्री ने कहा कि संविधान में आपातकाल लगाने का प्रावधान केवल देश में गंभीर आंतरिक खतरे की स्थिति में है, लेकिन 1975 में इसे व्यक्तिगत कारणों से लागू किया गया था। उन्होंने चित्तौड़गढ़ की धरती को अत्याचार के खिलाफ लड़ने वाली धरती बताया और लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान समारोह को ऐतिहासिक बताया।

इस मौके पर जिला कलेक्टर आलोक रंजन, जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी, समाजसेवी रतन गाडरी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक, अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रभा गौतम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह सहित कई अधिकारी, जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

समारोह की शुरुआत गृह राज्य मंत्री द्वारा मां भारती की तस्वीर पर माल्यार्पण से हुई। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल के दौरान झेली गई यातनाओं और जेल के अनुभव भी साझा किए।
समापन पर सभी लोकतंत्र सेनानियों को भोज भी करवाया गया।