चित्तौड़गढ़ जिले में बालश्रम, बंधुआ मजदूरी और मानव दुर्व्यापार के खिलाफ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में 1 जून से 30 जून तक विशेष अभियान ‘उमंग-5’ चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत गंगरार थाना क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो नाबालिग बालश्रमिकों को रेस्क्यू कर मुक्त कराया गया। पुलिस और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की, जिससे बालश्रम के विरुद्ध प्रशासन की सख्ती एक बार फिर सामने आई है।

पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने कहा कि चित्तौड़गढ़ को बाल श्रम मुक्त बनाना हम सबकी प्राथमिकता है। उन्होंने सभी बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों और स्टेक होल्डर्स की बैठक लेकर बाल संरक्षण के लिए समन्वित प्रयासों पर जोर दिया। साथ ही, बाल अधिकारिता विभाग, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने भी बच्चों के अधिकारों और संरक्षण के लिए चल रही योजनाओं की जानकारी दी।
पुलिस की इस कार्रवाई से बालश्रम के खिलाफ जिले में जागरूकता बढ़ी है और जरूरतमंद बच्चों को सुरक्षित वातावरण देने के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है