उदयपुर, 10 जून 2025:
खेरोदा कस्बे के ग्रामीणों ने 765 केवी सब ग्रिड स्टेशन हटाने की मांग को लेकर मंगलवार सुबह खेरोदा गांधी चौक से रैली निकाली और सैकड़ों की तादाद में उदयपुर जिला कलेक्टर ऑफिस पहुंचे। जिला कलेक्टर के नहीं मिलने पर ज्ञापन उदयपुर एसपी योगेश गोयल को सौंपा गया।
ग्रामीणों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड मेनार-खेरोदा कॉम्प्लेक्स के अधीन खेरोदा तालाब से सटी चारागाह भूमि को पावरग्रिड कंपनी को आवंटित करना वेटलैंड नियमों के खिलाफ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस भूमि पर खेरोदा तालाब, राजपूतों का तालाब, जलदाय विभाग के कुएं, गोशाला, श्मशान स्थल और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़क भी है, लेकिन पटवारी ने इन्हें रिपोर्ट में शामिल नहीं किया।

ग्रामीणों का आरोप है कि पटवारी द्वारा गलत रिपोर्ट बनाकर भ्रष्टाचार किया गया है और सरकार ने इसी रिपोर्ट के आधार पर जमीन पावरग्रिड को आवंटित कर दी। उन्होंने मांग की कि इस आवंटन को तत्काल निरस्त किया जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों ने कहा कि 2003 से ही खेरोदा तालाब से मछली निकालने और शिकार पर प्रतिबंध लगा हुआ है और यह भूमि पशु-पक्षियों के लिए आरक्षित है। उन्होंने कहा कि सब ग्रिड स्टेशन लगने से पर्यावरण और जल संरक्षण को गंभीर खतरा है और वे इसे किसी भी कीमत पर नहीं लगने देंगे।

इससे पहले भी ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और जनप्रतिनिधियों को कई बार ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देगी तो वे और भी तेज आंदोलन करेंगे।
रवि गर्ग, सरपंच प्रतिनिधि खेरोदा
सुनील कूकड़ा, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस
यह खबर उदयपुर फतह स्कूल से नारेबाजी के साथ जिला कलेक्टरी पहुंचे ग्रामीणों के संघर्ष को दर्शाती है।