रिपोर्ट – नरेन्द्र सेठिया
चित्तौड़गढ़ जिले के अफीम उत्पादक क्षेत्र राशमी में नारकोटिक्स विभाग की कार्रवाई के खिलाफ किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। गुरुवार को बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और नारकोटिक्स विभाग पर झूठी कार्रवाइयों में किसानों को फंसाने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
क्या है मामला?
- राशमी क्षेत्र के रूद गांव में किसान रतनलाल सुखवाल के यहां नारकोटिक्स विभाग ने कार्रवाई कर अवैध अफीम जब्त की थी।
- ग्रामीणों और किसानों का आरोप है कि यह कार्रवाई विभाग और कुछ लोगों की मिलीभगत से झूठी की गई है, जिससे निर्दोष किसानों को फंसाया जा रहा है।
- किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक पकड़े गए व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
प्रदर्शन की मुख्य बातें
- आधा दर्जन से अधिक गांवों के किसान, महिलाएं और पुरुष मानव श्रृंखला बनाकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।
- किसानों ने नारकोटिक्स विभाग पर भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोप लगाए।
- किसानों का कहना है कि विभाग द्वारा ‘अधिक नाप’ के नाम पर अवैध वसूली की जाती है और विरोध करने पर अगली बार पट्टा कटने या अन्य मामलों में फंसाने की धमकी दी जाती है।
किसानों की मांगें
- झूठे मामलों में फंसाए गए किसानों को तुरंत छोड़ा जाए।
- नारकोटिक्स विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाई जाए।
- भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
- किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए और समाधान किया जाए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी अजय शंखवार का कहना है कि नपाई के लिए कोई लिखित निर्देश नहीं है और यदि कोई किसान नपाई या कार्रवाई से असंतुष्ट है, तो वह कार्यालय आकर संपर्क कर सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
स्थानीय सांसद सीपी जोशी भी कई बार नारकोटिक्स विभाग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जता चुके हैं और पारदर्शिता की मांग की है।
निष्कर्ष
चित्तौड़गढ़ के अफीम उत्पादक किसानों का नारकोटिक्स विभाग के खिलाफ विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। किसानों की मांग है कि झूठे मामलों में फंसाने और भ्रष्टाचार पर रोक लगे तथा निर्दोष किसानों को न्याय मिले। प्रशासन और विभाग के सामने अब पारदर्शिता और विश्वास बहाली की बड़ी चुनौती है।