दिवाकर नगरी डूंगला में चातुर्मास के पावन अवसर पर प्रवचन

रिपोर्ट- प्रवीण कुमार मेहता

दिवाकर नगरी डूंगला में चातुर्मास के अवसर पर विराजमान महासती प्रतिभा जी महाराज साहब द्वारा प्रतिदिन प्रातः 8:45 बजे से 9:45 बजे तक नियमित प्रवचन आयोजित किए जा रहे हैं। आज के प्रवचन में महासती जी महाराज साहब ने संघ और समाज के महत्व पर प्रकाश डालते हुए फरमाया, “जो व्यक्ति संघ और समाज का नहीं हो सकता, वह कभी साधु-संतों का भी नहीं हो सकता और न ही उनकी सेवा कर सकता है।”

महासती जी ने आगे बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को सबसे पहले संघ और समाज के प्रति समर्पित होना चाहिए, तभी वह सच्चे अर्थों में साधु-संतों की सेवा कर सकता है।

साथ ही प्रवचन के दौरान भक्तामर स्तोत्र की व्याख्या भी की जा रही है, जिसे श्रद्धालुजनों द्वारा बड़े भावपूर्वक सुना जा रहा है।

डूंगला नगरी में इन दिनों सिद्धि तप भी चल रहे हैं। आज तप का पांचवां पड़ाव एवं दूसरा दिन था। लगभग 100 महिलाएं एवं पुरुष भक्तजन श्रद्धा भाव व तपस्या के साथ सिद्धि तप में भाग ले रहे हैं।

समस्त संघ-संघठन एवं समाजजन बड़ी संख्या में कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं तथा उपस्थिति दर्ज कर अपनी आस्था और श्रद्धा का परिचय दे रहे हैं।

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