भूपालसागर थाना क्षेत्र के खेडी गांव स्थित रामदेवजी मंदिर के पास तलाई में मिली अज्ञात व्यक्ति की लाश के ब्लाइन्ड मर्डर का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। भूपालसागर थाना पुलिस व साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में मुख्य आरोपी भाणिया उर्फ भाणु सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया कि पुरानी रंजिश के चलते चचेरे भाई ने अपने दोस्त के साथ मिलकर अपने ही भाई की हत्या कर दी थी।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
15 जून की शाम को खेडी गांव में रामदेवजी मंदिर के पास तलाई में अज्ञात शव मिलने की सूचना पर पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू की। एएसपी सरिता सिंह के निर्देशन व वृत्ताधिकारी कपासन हरजी लाल यादव के सुपरविजन में थानाधिकारी लादूलाल के नेतृत्व में पुलिस व साइबर सेल की संयुक्त टीम बनाई गई। शव की पहचान के लिए आस-पास के गांवों में संपर्क किया गया, सीएलजी सदस्यों व पुलिस मित्रों की मदद से मृतक की पहचान रतनलाल पुत्र बद्रीलाल भील (30), निवासी भील बस्ती, कांकरवा के रूप में हुई।
तकनीकी जांच और कॉल डिटेल्स से मिले सुराग
घटना स्थल के आसपास घना जंगल होने के कारण कोई प्रत्यक्षदर्शी या ठोस साक्ष्य नहीं मिल पाए। ऐसे में साइबर सेल की तकनीकी सहायता से मोबाइल टावर डंप डाटा व मृतक की कॉल डिटेल्स का विश्लेषण किया गया। साथ ही, कांकरवा से खेडी जाने वाले रास्तों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए। तकनीकी साक्ष्य व फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान कर भानुलाल उर्फ भाणु (23), घनश्याम उर्फ टिन्नु (20), निवासी कांकरवा, व कालूराम (24), निवासी खेडी को डिटेन कर पूछताछ की गई।
हत्या की वजह: पुरानी रंजिश
पूछताछ में सामने आया कि वर्ष 2022 में रतनलाल व भानुलाल ने एक महिला के प्रेम प्रसंग में बीच में आने पर भैरू भील नामक व्यक्ति की हत्या की थी। उस समय दोनों के बीच समझौता हुआ था कि भानुलाल हत्या के आरोप में गिरफ्तार हो जाएगा और रतनलाल उसकी जमानत करवाएगा। लेकिन रतनलाल ने जमानत में मदद नहीं की, जिससे दोनों में रंजिश हो गई। इसी रंजिश के चलते भानुलाल ने अपने चचेरे भाई घनश्याम व दोस्त कालूराम के साथ मिलकर रतनलाल की हत्या की योजना बनाई। तीनों ने रतनलाल को झांसा देकर जंगल में बुलाया और लोहे के पाइप व पत्थरों से हमला कर उसकी हत्या कर दी, फिर शव को तलाई में फेंक दिया।
आरोपी की आपराधिक पृष्ठभूमि
मुख्य आरोपी भानुलाल उर्फ भाणु के खिलाफ पहले भी हत्या, अवैध अस्त्र रखने व मारपीट के कई मामले दर्ज हैं। पूछताछ में सामने आया कि तीनों आरोपी घटना के बाद कलकत्ता, कर्नाटक भागने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस की तत्परता से समय रहते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस टीम का योगदान
इस कार्रवाई में भूपालसागर थानाधिकारी लादूलाल, एएसआई तेजमल, कांस्टेबल अनिल, ओमप्रकाश, माधवलाल, लक्ष्मणलाल, आकोला थाने के एएसआई चन्दनसिंह, कपासन थाने के कांस्टेबल वेदप्रकाश, नीरज, राजेश कुमार, साइबर सेल के हेड कांस्टेबल राजकुमार व कांस्टेबल रामनरेश का विशेष योगदान रहा।
विशेष रूप से भूपालसागर के कांस्टेबल अनिल कुमार और साइबर सेल चित्तौड़गढ़ के कांस्टेबल रामनरेश की भूमिका सराहनीय रही।