राज्य सरकार द्वारा जनसेवा और सुशासन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से पण्डित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय सम्बल पखवाड़ा – 2025 के तहत चित्तौड़गढ़ जिले में 24 जून से 09 जुलाई तक बहुविभागीय सेवा शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत आमजन को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का सीधा लाभ ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध कराना है।
जिला कलक्टर ने किया शिविरों का निरीक्षण
बुधवार को जिला कलक्टर श्री आलोक रंजन ने चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति की मानपुरा एवं सेमलपुरा ग्राम पंचायतों में आयोजित बहुविभागीय सेवा शिविरों का दौरा किया। उन्होंने विभिन्न विभागों की गतिविधियों का अवलोकन करते हुए मौके पर उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने शिविरों को और अधिक प्रभावी, सहभागी और जनोन्मुखी बनाने पर बल दिया।
“प्रशासन गांवों के द्वार” की अवधारणा को मिल रही मजबूती
जिला कलक्टर श्री आलोक रंजन ने कहा कि “प्रशासन गांवों के द्वार” की अवधारणा के तहत आयोजित ये शिविर राज्य सरकार की संवेदनशील और जवाबदेह शासन व्यवस्था के प्रतीक हैं। इन शिविरों के माध्यम से अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित हो रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई भी पात्र लाभार्थी योजना से वंचित न रहे और हर व्यक्ति को त्वरित व गुणवत्तापूर्ण सेवा मिले।

16 से अधिक विभागों की सक्रिय भागीदारी
शिविरों में चिकित्सा, शिक्षा, सामाजिक न्याय, महिला एवं बाल विकास, कृषि, पशुपालन, राजस्व, श्रम, जलदाय, विद्युत, सार्वजनिक निर्माण सहित 16 से अधिक विभागों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। मौके पर ही आवेदनों का निस्तारण, जाति/आय/निवास प्रमाण पत्रों का वितरण, पेंशन स्वीकृति, उज्ज्वला योजना, खाद्य सुरक्षा पर्ची, मनरेगा जॉब कार्ड, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास योजनाएं, स्वास्थ्य जांच सहित अनेक सेवाएं ग्रामीणों को उपलब्ध कराई गईं।
ग्रामीणों को मिला त्वरित लाभ
शिविरों में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। लोगों ने न केवल योजनाओं की जानकारी प्राप्त की, बल्कि कई लाभ सीधे मौके पर प्राप्त किए। आमजन की संतुष्टि और सहभागिता से शिविर की उपयोगिता सिद्ध हुई।
जिलेभर में अभियान के रूप में चल रहे शिविर
जिला प्रशासन द्वारा यह शिविर अभियान के रूप में जिले के सभी उपखण्डों की ग्राम पंचायतों में निर्धारित तिथियों को आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों के माध्यम से “अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास की रोशनी” पहुँचाने की दिशा में एक सशक्त कदम उठाया गया है।